आलमबाग थाना परिसर में आत्महत्या करने वाले हेड कांस्टेबल आलोक पांडेय के बेटे आराध्य (14 ) ने दोस्तों की प्रताड़ना (बुलिंग) से परेशान होकर जान दी थी। यह आरोप लगाते हुए आलोक ने रविवार को बेटे के आठ दोस्तों पर शक जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि शुरुआती जांच में इस बात का पता चला कि आराध्य के साथ आरोपी बुलिंग (प्रताड़ित करना, चिढ़ाना या धमकाना) कर रहे थे। इससे परेशान होकर छात्र ने खुदकुशी कर ली। इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सरोज ने बताया कि नामजद सभी आरोपी नाबालिग हैं। कुछ आराध्य के सहपाठी हैं तो कुछ बाहरी हैं। मैसेज में किस तरह की धमकी मिली, आलोक ने इस बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया।
आलोक आलमबाग थाना परिसर में परिवार संग रहते हैं। वह मौजूदा समय में महाधिवक्ता की सुरक्षा में लगे एस्कॉर्ट में तैनात हैं। उनके मुताबिक बेटा आराध्य निजी स्कूल में नौवीं में पढ़ता था। पांच मई को वह ड़्यूटी पर प्रयागराज गए थे। सुबह बेटा स्कूल के लिए निकला पर दस मिनट में लौट आया। पत्नी इंदू ने कारण पूछा तो उसने बताया कि दोस्त नहीं आया तो वह भी स्कूल नहीं गया। इसके बाद इंदू स्कूल पढ़ाने चली गईं। दोपहर को लौटीं तो आराध्य का शव पंखे में दुपट्टे के सहारे लटका मिला। आलोक का कहना है कि अंतिम संस्कार के बाद बेटे के मोबाइल की कॉल डिटेल, मैसेज और इंस्टाग्राम आईडी चेक किया। इसमें बेटे के दोस्तों के कई धमकी भरे मैसेज मिले। पता चला कि बेटे ने दोस्तों की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या की थी।