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राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से पल रहे भू-माफिया, अफसरों की आंख के तारे बने कमाऊपूत लेखपाल!

– सैय्यदवाडा के तालाब में चारों ओर से कब्जा, नाप अधर में लटकी
– अवैध तरीके से खड़ी हो गई जयपुरिया स्कूल की बिल्डिंग, सो रहा विनियमित विभाग

फतेहपुर। जनपद में राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से भूमाफिया पल रहे हैं। सिर्फ शहर की बात करें तो लगभग एक सैकड़ा प्लाटिंग राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से अवैध तरीके से संचालित हो रही हैं। लखनऊ व अन्य शहरों में अवैध बिल्डरों के खिलाफ बुलडोजर चल भी जाता है। मगर फतेहपुर में राजस्व अधिकारियों की अकर्मण्यता और भूमाफिया प्रेम की वजह से बुलडोजर स्टार्ट भी नहीं हो पा रहा है। जबकि उपजिलाधिकारी कोर्ट (विनियमित विभाग) से चमन बाग सहित डाक बंगले के समीप स्थित एक बड़ा होटल गिराने का आदेश पूर्व में हो चुका है। मगर आदेश होने के बावजूद अफसर राजनीतिक दबाव में सरकार के निर्देशों को ताक पर रखकर कार्य कर रहे हैं। वहीं शहर में तैनात अधिकतर राजस्वकर्मी भूमाफियाओं की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर में तैनात कई राजस्व कर्मियों और अधिकारियों के पास करोड़ों की अवैध संपत्ति है। शहर के एक लेखपाल के पास तो कई प्रमुख जगहों के साथ ही मोरंग के क्षेत्र का भी चार्ज दे दिया गया है। ये लेखपाल सुनील राणा की तरह रैकेट बनाकर स्वयं प्लाटिंग करता है और भूमाफियाओं का बेहद करीबी है। कमाऊपूत राजस्व कर्मी भी, राजस्व अधिकारियों की पहली पसंद बने हुए हैं।

शहर के अधिकतर तालाबों और सरकारी जमीनों की अवैध बिक्री में इन कर्मियों की बड़ी भूमिका रहती है। शहर की सरकारी जमीनें बचाने के बजाय भूमाफियाओं को बचाने के लिए लेखपाल गोल मोल रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज देते हैं जिससे भूमाफियाओं पर कार्रवाई रुक जाती है। हाल ही में सैय्यदवाडा के तालाब की नाप का आदेश एसडीएम ने दिया था। तालाब की नाप के बजाय, जयपुरिया की अवैध बिल्डिंग बचाने में राजस्व अमला जुटा रहा। जो उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई उसमें तालाब की पुराई का जिक्र ही नहीं किया गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार तालाब की शक्ल कभी नहीं बदली जा सकती, चाहे वह भूमिधरी ही क्यों न हो। फिलहाल जयपुरिया को लाभ देने के लिए राजस्व कर्मी और एक अधिकारी पूरी ताकत झोंके हैं ! जिससे तालाब की नाप अधर में लटक गई है। जबकि बताते हैं सैय्यदवाडा का यह तालाब अभिलेखों में तीस बीघे से भी अधिक है। इस तालाब के तीन तरफ कई लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। मुस्लिम इंटर कॉलेज की ओर से भी अनधिकृत अतिक्रमण किया गया है जबकि सैय्यद वाडा और जयपुरिया की ओर से भी कई लोगों ने तालाब की जमीन में पक्का निर्माण कर लिया है। जबकि बताते हैं कि जयपुरिया की बिल्डिंग भी अवैध तरीके से बन रही है। एक मंजिल का नक्शा पास कराकर बड़ी व्यावसायिक इमारत खड़ी कर दी गई है। इस पर भी अभी तक विनियमित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सका है।

वहीं डाक बंगले के करीब स्थित इस होटल पर धारा 67 की कार्रवाई लंबे समय से चल रही है जो आज तक पूरी नहीं हो सकी है। कस्बा फतेहपुर दक्षिणी और उत्तरी के कई तालाबों पर लगभग 34 लोगों के कब्जों के खिलाफ भी धारा 67 की कार्रवाई विभागीय अफसरों की अकर्मण्यता से अधर में लटकी है। विभाग के अफसर अपने ही कोर्ट के आदेशों का पालन कराने में अक्षम नजर आ रहे हैं। दृ बिना ले आउट के बड़े बड़े बोर्ड लगाकर महानगरों की तरह चल रही अवैध प्लाटिंग ! शहर के कई इलाकों में बिना ले आउट के अवैध तरीके से प्लाटिंग संचालित हैं। मामूली दामों में जमीनों को खरीदकर माफिया लोगों को बिना सुविधा दिए करोड़ों रुपए अवैध तरीके से कमा रहे हैं ! आश्चर्य यह है कि बिना सरकार को राजस्व दिए, बिना शासन से ले आउट पास कराए, सुविधाओं के नाम पर फर्जी ले आउट दर्शाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा है। पक्का तालाब की भिटौरा रोड में अटल बिहारी पार्क के आगे, पार्क व्यू का लगा बोर्ड यह स्कैम बताने के लिए पर्याप्त है। अटल बिहारी पार्क से लेकर भिटौरा बाई पास तक, लखनऊ बाई पास के आस पास, शांतिनगर, सुलताननगर, बेरूईहार, लखनऊ रोड, एआरटीओ ऑफिस के पीछे, नौआबाग, महर्षि स्कूल के समीप मुगल रोड में दयाल बिहार जैसी सैकड़ों प्लाटिंग, अवैध तरीके से संचालित हो रही हैं जहां सुविधाओं के नाम पर लोगों का शोषण हो रहा है और विनियमित क्षेत्र में नियमों का पालन किए बिना लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है।

इनसेट-
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस बाबत विनियमत क्षेत्र के जेई रोहन ने बताया कि पूर्व में अभियान चलाकर कई अवैध प्लाटिंग संचालकों को नोटिस जारी की गई थी जिनके मामले उप जिलाधिकारी कोर्ट में चल रहे हैं जिनमें कुछ के खिलाफ ध्वस्तीकरण आदेश हुआ है। अन्य स्थानों में भी जाकर अवैध प्लाटिंग संचालकों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत एसडीएम प्रदीप रमन ने कहा कि टीम भेजकर जांच कराई जाएगी, अवैध प्लाटिंग संचालित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। तालाबों के कब्जों को भी खाली कराया जाएगा।

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