– ब्यूरो संजीव शर्मा
इटावा । उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ और शीतल प्रसाद शोरोवाल बालिका इंटर कॉलेज इटावा के संयुक्त तत्वाधान में सृजन कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत पारंपरिक चौक पूरन कार्यशाला शुभारंभ किया गया। सात दिवसीय इस कार्यशाला का उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ना और परिचित कराना था साथ ही भारतीय संस्कृति में लुप्त होती जा रही हमारी उन समृद्ध परंपराओं को संरक्षित करना भी है जिससे हमारी अपनी पहचान जुड़ी है। इस अभिनव प्रयोग के अंतर्गत पारंपरिक चौक पूरन चित्रकला की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन शीतल प्रसाद सोरावल बालिका इंटर कॉलेज इटावा की प्रधानाचार्य सुमन यादव ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर विद्यालय की बालिकाओ ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया । इस अवसर पर प्रधानाचार्या ने कहा कि अपनी परंपराओं को नई पीढ़ी तक स्थानांतरित करना ही हम सब का उद्देश्य है। यह निशुल्क कार्यशाला उन सभी बच्चों को न केवल समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाएंगे जो इसको सीखेंगे बल्कि भारतीय संस्कृति को भी हम आगे ले जाने का संदेश देंगे। कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षिका मयूरी शर्मा ने इस अवसर पर कहा की लोक कला और लोक विधाएं हमारी आत्मा है, हमारी पहचान है। हम अपनी पहचान को जब तक संरक्षित नहीं करेंगे तब तक हम ना तो आत्मनिर्भर होंगे और ना ही शक्तिशाली। उन्होंने कहा कि इस सात दिवसीय चित्रकला कार्यशाला के माध्यम से परंपराओं की बारीकियों को सीख कर सभी प्रशिक्षु न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि उनके भीतर कला के प्रति एक रुझान भी पैदा होगा।
विशिष्ट अतिथि मुंबई से आई वरिष्ठ चित्रकार श्वेती जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किये और कहा ऐसी कार्यशालाएं हमारी संस्कृति को संरक्षित किए जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन होते रहना चाहिए। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान की इस कार्यशाला में प्रशिक्षुओं और अभिभावकों के उत्साह दिखा।
इस अवसर पर वीरेंद्र जैन, बबिता सिंह, आसिंधु कुमारी, रीता कुमारी ,रिंकी कुमारी ,रचना अग्रवाल अनामिका वर्मा, डा० बिन्दू समेत भारी संख्या में अभिभावक और गणमान्य जन उपस्थित रहे।